भारतीय रिजर्व बैंक ने महंगाई को लक्ष्य के अनुरूप वृत्त में लाने के उद्देश से बुधवार को चालू वित्त नियमानुसार की आखिरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में एक बार फिर नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि कर दी.
रेपो दर में वृद्धि का मतलब है कि बैंकों और वित्तीय संस्थानो से लिया जाने वाला कर्ज महंगा होगा और ईएमआई भी बढ़ जाएगी.